तुम्हारे हंसी और खामोशी के बीच में एक छोटा सा समय अंतराल है, उसमें एक कहानी की रचना करता हूं मैं। और उस कहानी में चांद तारे तोड़ने और तुम्हारे लिए दुनिया से लड़ जाने जैसी छोटी-मोटी घटनाएं नहीं होती। उस कहानी में दीवारों की पपड़ियां के उधड़ जाने से एक जानी पहचानी तस्वीर बन जाती है, उस कहानी में भावनाओं का सूखा पड़ जाता है, किरदार खुद को सुदूर किसी दिशा के विरान मरुस्थल में उगे नागफनी को निहारता हुआ उससे अपनी तुलना करता है। और इसी छोटे समय अंतराल में मेरी चेतना जगा देती है मेरे अंदर सो रहे एक प्रेमी को। सोया हुआ प्रेमी