"निश्चय" ना जीने से ,ना मरने से ना तन्हा तन्हा चलने से ना रोने से ,ना हसने से ना मुस्कुराते थकने से ना काली काली रातों से ना ऊंच नीच की बातों से ना व्यस्त घनेरी सड़को से ना उन अंजाने से हाथों से ना सहज सुनहरे ख्वाबो से ना नमन प्रकार आदाबों से ना उस भोले से चेहरे से ना लकीरों के पहरे से ना चढ़ती फूलती सांसो से ना थक जाती उन आसों से ना जीवन की मोंजों से संघर्ष मे फटते मौजो से घिस घिस कर श्याही कलमो की, कागज उधार पर लगता है हाँ व्यर्थ श्रृंगार पर लगता है, ना तुम जानो, ना मै जानू अब कुछ बेघर नहीं लगता है मुझको डर नहीं लगता है ना इनसे डर नहीं लगता है....... -shiva #निश्चय