आओ न..! इन हसीं वादियों की सर्द बूंदाबांदी की फिजा़ओं में एक चाय की प्याली का लुत्फ़ उठाते हैं कभी तुम, तो कभी हम अपने एहसासों की शक्कर इस चाय में मिलाते हैं आओ, दोनों मिलकर यादों की इलायची से इस चाय को महकाते हैं सर्द हवा की इस बूंदाबांदी में कुछ प्यार की रंगत चाय में मिलाते हैं इस चाय की चुस्की और बारिश की बूंदों में आओ, हम थोड़ा सा खो जाते हैं ©Harpinder Kaur # सर्द हवा की बूंदाबांदी और चाय