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Sleep and Dreams सतलोक ऐसा अमर लोक है जहाँ एक हंस

Sleep and Dreams सतलोक ऐसा अमर लोक है जहाँ एक हंस आत्मा के शरीर का तेज 16 सूर्यों के समान है लेकिन उसमें गर्मी नहीं है। गुरु नानक,धर्मदास जी, गरीब दास जी महाराज,घीसा दास, दादू जी सभी ने सतलोक को देखा और सतलोक में विराजमान कबीर परमात्मा को देखा है।संत गरीब दास जी की वाणी में वर्णन है कि सतलोक में कितना सुख है
मन तू चल रे सुख के सागर, जहाँ शब्द सिंधू रत्नागर।।
जहां संखो लहर महर की उपजे, कहर नहीं जहाँ कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
Sleep and Dreams सतलोक ऐसा अमर लोक है जहाँ एक हंस आत्मा के शरीर का तेज 16 सूर्यों के समान है लेकिन उसमें गर्मी नहीं है। गुरु नानक,धर्मदास जी, गरीब दास जी महाराज,घीसा दास, दादू जी सभी ने सतलोक को देखा और सतलोक में विराजमान कबीर परमात्मा को देखा है।संत गरीब दास जी की वाणी में वर्णन है कि सतलोक में कितना सुख है
मन तू चल रे सुख के सागर, जहाँ शब्द सिंधू रत्नागर।।
जहां संखो लहर महर की उपजे, कहर नहीं जहाँ कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।