उसके इंतेज़ार में सारी सारी रात यू ही काट जाती न जाने कौन सा नासा हैं उसकी आँखों में न जाने कौन सा नासा हैं उसकी बातों में अब उसको कैसे समझाऊ हाल ये दिल की उसके बिना कही दिल नही लगता