हर रोज़ बिखर जाता हैं दिल टुटकर मगर, उसें चाहनें का ख्याल दिल सें जाता नहीं, एक हम हैं जो उनसें दिल लगाऐ बैठे हैं, एक वो हैं जिन्हैं प्यार हमपे आता नहीं, वो कब के हो चुके हैं रकीब के सामनें मेरे, फिर भी परे उनसें मुझै कोई भाता नहीं, रिश्ते बस ज़ुबानी रखनें के रह गये हैं सारे, आजकल दिल सें कोई निभाता नहीं, वादा कर चले जाते हैं लौटकर आनें का, मगर कोई वापस लौटकर आता नहीं, और रिवाज़ हैं ज़मानें का आजकल यह भी, प्यार के बदले प्यार हर कोई पाता नही, मैं और वो । । #Terimerikahani #love #pyaar #dard #Nazam #shayari #poetry