खत में मैंने लिखा कि एक खता हो गई। प्रीत नहीं होती, अब ये सज़ा हो गई। दुख सहा, दर्द सहा, अब इंतहा हो गई। प्यार नही करती, अब मैं बेवफा हो गई। -Neetu Barak