अधूरी डायरी कागज़ के पन्नों पर उकेरता था मैं मन में आते भावों को चित्र देता था मैं एक पुरानी डायरी जिसमें कुछ यादें थी एक पुरानी डायरी जिसमें कुछ बातें थी वो बातें और यादें जो मेरे जीने का सहारा थी वो सुकून भरी रातें जो आज भी कहीं जवां थीं एक पुरानी डायरी.. आज भी लिखता हूँ मैं ... वो कुछ यहाँ - वहां शायद रूठ गयी वो डायरी जो मुझे अपना मानती थी एक पुरानी डायरी.. आलोक था मेरे मन का शब्दों की तपिश में जलता क्या ही था उन पन्नों में जो मुझे लगता अपना सा था एक पुरानी डायरी.. आज यहाँ इस मोड़ पर खड़ा ; पीछे के रास्ते को देखता हूँ उधड़े ख़्वाब और बुझी यादें ढूँढता हूँ पर वो अधूरी डायरी अभी भी रूठी है वो अधूरी डायरी अभी भी कहीं खोयी हुई है An old poem. A very old thought. Sharing it here to make it worth your time. #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #QuoteSeries #Poetry #हिंदी #कविता #डायरी #अधूरी #यादें #पैन #पन्ने #खोना #पाना #यहाँ #कहीं Click on #WaqtKiDosti for more musings on remembrance Full Poem Below :