एक बेरोजगार युवा का दर्द ****************************** आज के युवाओं के हाल से आपको रूबरू कराये, मात्र बेरोजगारी लगी हाथ आत्मा उनकी कुलबुलाये, प्रचण्ड प्रतियोगी परीक्षाओं में कर जीवन न्यौछावर, कारण सियासत की लचर व्यवस्था यहाँ चरमराये, करोड़ों संख्या में रोज परीक्षा के रजिस्ट्रेशन होते हैं, मामूली250से500 फी भर सरकार के हिस्से जाते हैं, भूल सारी दुनिया वो युवा फिर तैयारी में जुट जाते हैं, न रिजल्ट,न नौकरी,हताश युवा दूसरा फॉर्म भरते हैं, बस यही दुःख व्यथा गाथा वो किसी से नही कह पाते है, हताश हो उम्र गवां वो युवा बस बेरोजगार ही रह जाते है, दोष किसी और का होता पर वो ख़ुद को ही दोषी ठहराते है, वक़्त बीत जाता है फिर वो भविष्य को ले चिंतित हो जाते है, कुछ न मिला निखालस ज्ञान के खाली हाथ घर लौट आते है। पूरी व्यथा कैप्शन में पढ़ियेगा🙏👇👇👇 आज के युवाओं के हाल से आपको रूबरू कराये, बेरोजगारी लगी हाथ आत्मा उनकी कुलबुलाये, प्रचण्ड प्रतियोगी परीक्षाओं में कर जीवन न्यौछावर, कारण सियासत की लचर व्यवस्था यहाँ चरमराये, करोड़ों संख्या में रोज परीक्षा के रजिस्ट्रेशन होते हैं, मामूली250से500 फी भर सरकार के हिस्से जाते हैं,