शह और मात की दुनिया. छल और घात की दुनिया. कैसे बिकेंगे, नादान चेहरे. रंग और जात की दुनिया. हम सब ही एक जैसे है. बिन काम बात की दुनिया. ये सूरज खोखला बैठा है. बिकती ये रात की दुनिया. गैरों की गिनती नहीं यहां. तिरे-मिरे नात की दुनिया. 'अभय' तू बड़ा होके बोल. सुनती औकात की दुनिया. किसी ने पूछा की दुनिया कैसी है, मैंने बता दिया की दुनिया ऐसी है. नात - रिश्तेदार