श्रम जाग जा ए मानव अपनी शक्ति को पहचान, आलस्य और बुराइयों को त्याग, कर तु अपने जीवन का नवनिर्माण। श्रम कर तु मानव, अपनी शक्ति को पहचान, श्रम से ही संभव है दुनिया के सारे काम। श्रम ही है तेरी हर समस्या का समाधान, श्रम से ही मिलती मंजिल, श्रम से ही शांति, श्रम के बिना दुनिया मे , तिनका भी पाना मुश्किल। श्रम नही करेगा तो बोझ दिल का बढ़ जायेगा, कामनाएं बढ़ जाएगा , तु दीन दुःखी हो जाएगा, श्रम के बिना जीवन मे तु, कुछ नही पायेगा। श्रम से ही किसानों ने अन्न उपजाया, श्रम से ही राम ने सीता को पाया। श्रम से ही पाई हमने आजादी, श्रम से ही काबिल जिंदगी। श्रम से ही मिलती जीवन की हर खुशी। श्रम ही हमारा भगवान है, श्रम के बिना ना सम्भव कोई काम है, श्रम से ही जीवन का निर्माण है। श्रम कर तु मानव अपनी शक्ति को पहचान, आलस्य और बुराईयों को त्याग, कर तु अपने जीवन का नवनिर्माण।। #श्रम