डर डर के क्यूँ रहा जाए जो सच है वही कहा जाए वो शहंशाह है ठीक है लेकिन हर ज़ुल्म क्यूँ सहा जाए © दिनेश शर्मा, 15.10.19 #शहंशाह #ज़ुल्म