संपर्क टूटा हैं मगर, अभी केवल मुह दिखाई की रस्म हुई है। चांद हैं वो, थोडा नखरा तो बनता है ....... क्या हुआ जो मेहबूब को मैं गले न लगा सका फ़क़त इस बात पर ही मैं खुश हूँ, जो पास से दीदार तो हुआ #Comedy #Shayari Suraj Srivastav ⏺️