यूँ तो कुछ हदें थी, जो मैं पार कर जाता था, तुझे छल्ली कर, मैं वक़्त हुस्न और आबरू में बिताता था, बाद में अपनी गलतियों पर पछताता था, ख़ामोशी में दबे भरे लब्ज से, sorry बोल जाता था, तू मेरी बातों पर कभी शांत, तो कभी उत्सुकता से भर जाता था, मुझे नहीं था पता तुझे कभी-कभी ये, इतना ज्यादा चुभ जाता था, मेरी आदतों का एक हिस्सा था, जो उसे रूलाता था। #jismani #pyaarkaehsaas #desiretobelove #adat_si_hogayi_hai #alex #alexcollection #jism_e_mohobbat #adatsemajboor