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अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से, नज़र पे बोझ है

अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से,
नज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से,
वो और थे जिसे तू जानता था बरसों से,
मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से।

©Rahul Singh Rajvansh
  Pranali S Indrajeet.73