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# बहराइच में जिला अधिकारी ने शुरू | Hindi Video

बहराइच में जिला अधिकारी ने शुरू किया विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान  

उत्तर प्रदेश के बहराइच में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान‘‘ के शुभारम्भ पर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने नवागंतुक मुख्य विकास अधिकारी सुश्री राम्या आर. के साथ कलेक्ट्रेट परिसर बहराइच से ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह जागरूकता रैली’’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि दिमागी बुखार एक जानलेवा बीमारी है। यह मच्छरों के काटने एवं दूषित पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करने से फैलती है। अधिकांशतः 15 वर्ष की आयु तक के बच्चे इस रोग से ग्रसित होते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक तेज़ बुखार आना, मरीज़ के व्यवहार में अचानक परिवर्तन का आना, मरीज़ का पूरी तरह होशो हवास में न होना तथा मरीज़ को पहली बार झटके आना दिमागी बुखार/नवकी बिमारी के लक्षण हैं। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरन्त सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जायें।    
स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि शौच के लिए शौचालय का उपयोग करें। शौच के बाद व भोजन करने से पहले साबुन से हाथ अवश्य धोयें। घर के आस-पास जल निकासी का उचित प्रबन्ध करें जिससे पानी का जमाव न हो। क्सोंकि ठहरे हुए पानी में मच्छर अण्डे देते हैं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। प्रातः एवं सॉयकाल जब मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं, उस समय शरीर को पूरा ढक कर रखें। बच्चों को पूरे आस्तीन की कमीज़, फुल पैंट एवं मोज़े पहनायें। जापानीज़ इन्सेफेलाइटिस (जे.ई.) विषाणु से बचाव के लिए बच्चों को दिमागी बुखार का टीका अवश्य लगवायें। दिमागी बुखार के सम्बन्ध में अपने नज़दीकी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल सम्पर्क करें। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर,डीपीएम सरजू खान, डीएचईआईओ बृजेश सिंह सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
ravendra1662

Ravendra

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बहराइच में जिला अधिकारी ने शुरू किया विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान उत्तर प्रदेश के बहराइच में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान‘‘ के शुभारम्भ पर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने नवागंतुक मुख्य विकास अधिकारी सुश्री राम्या आर. के साथ कलेक्ट्रेट परिसर बहराइच से ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह जागरूकता रैली’’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि दिमागी बुखार एक जानलेवा बीमारी है। यह मच्छरों के काटने एवं दूषित पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करने से फैलती है। अधिकांशतः 15 वर्ष की आयु तक के बच्चे इस रोग से ग्रसित होते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक तेज़ बुखार आना, मरीज़ के व्यवहार में अचानक परिवर्तन का आना, मरीज़ का पूरी तरह होशो हवास में न होना तथा मरीज़ को पहली बार झटके आना दिमागी बुखार/नवकी बिमारी के लक्षण हैं। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरन्त सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जायें। स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि शौच के लिए शौचालय का उपयोग करें। शौच के बाद व भोजन करने से पहले साबुन से हाथ अवश्य धोयें। घर के आस-पास जल निकासी का उचित प्रबन्ध करें जिससे पानी का जमाव न हो। क्सोंकि ठहरे हुए पानी में मच्छर अण्डे देते हैं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। प्रातः एवं सॉयकाल जब मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं, उस समय शरीर को पूरा ढक कर रखें। बच्चों को पूरे आस्तीन की कमीज़, फुल पैंट एवं मोज़े पहनायें। जापानीज़ इन्सेफेलाइटिस (जे.ई.) विषाणु से बचाव के लिए बच्चों को दिमागी बुखार का टीका अवश्य लगवायें। दिमागी बुखार के सम्बन्ध में अपने नज़दीकी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल सम्पर्क करें। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर,डीपीएम सरजू खान, डीएचईआईओ बृजेश सिंह सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे। #न्यूज़

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