White झुकी हुई नजरें, दुपट्टे की छायां नूर-ए जन्नत मुखड़े में समाया घबराहट भी थी आँखों में उसके नज़रों का रिश्ता पर बखूबी निभाया।। वो सुशील, सुन्दर, कोमल काया ख़ुदा ने जैसे फुरसत में बनाया दीदार का हर पल याद बन गया होकर बेखबर, हर बार मुस्कुराया।। ©Rohit Bhargava (Monty) #Sad_Status hindi shayari sad shayari