माँ की हाँ समीर को मिल चुकी थी पर अब सबके दिमाग में एक ही सवाल बार बार शूल बनकर चुब रहा था कि कैसे पैसे का इंतज़ाम होगा, कैसे नौकरी के बिना घर का खर्चा चलेगा, लाखों सवाल मानों हथौड़े की तरह सर पर चोट मार रहे थे। समीर ने अपने कुछ दोस्तों से भी इसके लिए बात की थी, पर किसी ने भी उसका साथ नहीं दिया और उल्टा उसे कहते कि बिज़नस मत कर, जॉब अच्छी है, ये है.. वो है.. पर.. समीर कुछ करके दिखाना चाहता था और उसने मन में ठान ली थी कि कल वह अपने GM से अपने रिजाइन की बात करके रहेगा और अपना काम करेगा। सोते हुए उसने अपने डायरी में कुछ इस तरह से दिन को अलविदा कहा - " आने वाला कल एक नयी चुनौती लेकर आएगा, बीते हुए आज की खुशियों के लिए ख़ुदा तेरा शुक्रिया। " लिखते लिखते ना जाने कब समीर को नींद आ गई और कब सुबह हो गई पता ना चला। सुबह उठा तो देखा उसके GM के 3 मिस कॉल थे और 2 मैसेज, जिसमे लिखा था आज उसे 8:30 ऑफिस पहुँचना है पर समय पहले ही 7:50 हो चुका है.. कैसे वो इतनी जल्दी जाएगा। माँ से कहा जल्दी चाय बना दो और वो जल्दी से तैयार हो गया। घर से ऑफिस की दूरी 12 KM थी। वह बहुत तेज़ गाड़ी चलाने लगा, अभी कुछ ही दूरी तय की थी अचानक.... #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #poem #कहानी #story #kumaarstory #ekishqaisabhi #part4 #अचानक माँ की हाँ समीर को मिल चुकी थी पर अब सबके दिमाग में एक ही सवाल बार बार शूल बनकर चुब रहा था कि कैसे पैसे का इंतज़ाम होगा, कैसे नौकरी के बिना घर का खर्चा चलेगा, लाखों सवाल मानों हथौड़े की तरह सर पर चोट मार रहे थे। समीर ने अपने कुछ दोस्तों से भी इसके लिए बात की थी, पर किसी ने भी उसका साथ नहीं दिया और उल्टा उसे कहते कि बिज़नस मत कर, जॉब अच्छी है, ये है.. वो है.. पर.. समीर कुछ करके दिखाना चाहता था और उसने मन में ठान ली थी कि कल वह अपने GM से अपने रिजाइन की बात करके रहेगा और अपना काम करेगा। सोते हुए उसने अपने डायरी में कुछ इस तरह से दिन को अलविदा कहा - " आने वाला कल एक नयी चुनौती लेकर आएगा, बीते हुए आज की खुशियों के लिए ख़ुदा तेरा शुक्रिया। "