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कहां मिल पाते है मुलाकात के लम्हें सुनहरे आई बैठो

कहां मिल पाते है मुलाकात के
लम्हें सुनहरे
आई बैठो पास मेरे 
तुम्हे आंखों में बसा लूं
खूबसूरत ये पल सारे जहां में 
अपने सजा लूं
तेरे संग बीते पल जैसे दिलकश बहारें
बनते है मेरी तनहाई के सहारे
आकर बैठे जो तू पास मेरे
सुकून सा दिल को मिलता है
राहत मन पाए
संग तेरे दिलकश हर मंजर नजर आए
आओ बैठो ना पास मेरे
कम ही मिल पाते है मुलाकात के लम्हे सुनहरे

©kavya soni
  #बैठो #पास_मेरे