कुछ अधूरे ख्वाब हो तुम हाँ हाँ मेरी जान हो तुम रूठे है तुम तो अब मान भी जाओ कुछ तो मेरा दिल का हाल तुम जान ही जाओ हर दिन हर लम्हे में तु मुझे याद आई कोशिश किया हज़ार बार पर तू हर बार आई बता तू कैसी नशा थी जो अब उतारे उतरता ही नहीं है तेरे अलावा अब मुझे कहीं भी चैन मिलता ही नहीं है कोशिस करना तु कभी आँख मत मिलाना काहे की दिल की बात आंख जान जाता है तेरी जब भी याद आती है तो थोड़ा सा ही सही आंखे छलक जरूर जाता है Har lamha