जमीं से आसमां तलक दर्द की बारिशै है महकते हुए से कुछ रिश्ते पर अब वक्त की खारीशै हैं हमें शौक था तेरा दर बनाने का उसे शौक था मकबरे सजाने का ! ©manav raj(मानव) #manjaara