#OpenPoetry जहां तेरी सोच खत्म होती है वहां से तो सिर्फ मैं लिखती हूं तुझे मोहब्बत क्या होती है ये तुम बताओगे मुझे ? ऐसी कोई चौखट नहीं जहां मैंने मांगा ना हो तुझे इबादत क्या होती है ये तुम बताओगे मुझे ? दिल की हर सांस पे धड़कता पाया है तुझे कुर्बत क्या होती है ये तुम बताओगे मुझे ? दीवानगी ऐसी चढ़ी है कि कुछ नहीं सूजे लत क्या होती है ये तुम बताओगे मुझे ? तेरे इनकार पर भी एतबार किया है तुझपे जिल्लत क्या होती है ये तुम बताओगे मुझे ? ज़माने से तो क्या तेरे इश्क में लड़ी हूं खुद से बगावत क्या होती है ये तुम बताओगे मुझे ? तेरे इस इश्क ने तो कहीं का ना छोड़ा मुझे महबूब से मोहब्बत क्या होती है अब ये बताऊं क्या तुझे ? Ritu ba ❤ #OpenPoetry