सामने कुछ और पीठ पीछे कुछ और कहते हैं। दिल से निकले अब दिमाग में क्यों रहते हैं ।। कसूर अपना था एतबार किया इन पर । दुश्मन जैसे दोस्त खुद को जाने क्या समझते हैं।। #friendship_and_enemy