दर्द का असर है बड़ा, महरम बनकर आजाओ ना तुम अश्रु भरी यह आंखें मेरी,आंसू पोंछने आजाओं ना तुम ख़ाली है यह घर तुम्हारे बिना यह मेरा कब से हमदम बनकर के सुकून की बयार हमदम आजाओं ना तुम घायल दिल मेरा कब से, दर्द का लीबास ओढ़े रूह है बेचैन मन का सुकून तुम, खुशी बन आजाओं ना तुम पुकारता मन मेरा यह, तड़पती निगाहों को सहारा दो सुकून स्वामिनी, दूर ना रहो लोट कर आजाओ ना तुम ♥️ Challenge-896 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।