बनकर मेरी माचिस की तीली , घर एक रोशन दीपक जलाओ तुम, अगर न मिले दीपक तुझे रोशनी के लिए , तो बेवजह रोशन करने के लिए , ये मेरा घर मत जलाओ तुम, प्रियांशु मिश्र दीपक