" दुर्गा ना काली बन " ढ़ोग पाखंड भरी सारी दुनियां है, सबने चोला पहन रंग बदला है... .. पूजा-पूजन,रॉरी-कपूर जलाया, ना जलाया, मन के शैतान को... .. देवी-देवी कह मंदिर-2 भटकाता है, घर की देवी को पैरो तले कुचलाता है... .. सारे घर मे जगमग,आरती,धुप डाले है, बेटी को दुत्कार, माँ से ही बेटा मांगे है... .. अजीब बिडंबना है यहां के लोगों की, नौ दिन पूजन,फिर पूरी साल शोषण है... .. माँ भी सोचती होंगी,चेहरे पे चेहरे देखती होंगी, दुर्गा ना काली बने,अब हर नारी को बोलती होंगी... ©kabir pankaj #Naari #stopcrime #navratri #kaali #StandUp #hindi_poetry #navratri2020