"गुजारिश" हवाओं का रूख आज इधर मोड दो मेरे गुनाहों मे एक और गुनाह जोड दो। रास्ते की फिक्र न कर ए मुसाफिर जो भी है सब मंजिल पर छोड दो। यह भी क्या बात हुई जनाब भरी महफिल में किसी का ठिकरा किसी और पर फोड दो। नादान इस दुनिया मे हर शख्स है मरना सबको है पर कहते है निशानी छोड दो। इस मुकम्मल जिंदगी से परेशां न हो जितनी चादर है उतनी फैला के ओढ लो। हाजमा और दिमाग दोनों दुरूस्त रखो जनाब वरना फायदा नही चाहे जितना दौड लो। अक्ल और ताकत को लगाओ सही तरह नही जाएगा कुछ भी साथ चाहे कितने भी करोड हो। चलने से पहले लगाम और पैरों पर ध्यान दो नही फिसलोगे कभी चाहे कैसा भी मोड हो। रब ने बख्शी है तुम्हें ये जिंदगी जियो ऐसे कि सारे रिकार्ड तोड दो। #dil diyan gallan