आशा की नव किरण, कुसुम उपवन खिलती है । संसृत सिमर सुगन्धि, मीत नभ से मिलती है ।। आलौकिक सौंदर्य ओढ़, लज्जा कि चुनर से । एक-एक पंखुड़ी, दिव्यता में सिलती है ।। अन्तरंग रस बोध, अरध की क्षुधा अगम है । आर्ष वाङ्गमय शोध, उरध की विधा सुगम है ।। मधुमत वृन्द सोहाय, चमस में स्राव्य धरा है । पुष्प रूप सवि सरस, कलश में काव्य भरा है ।। Said or Unsaid... You're the essence of my words... 💝 #2amconversations #iloveyou #yqpoetry #yqdidi #speechless #bestyqhindiquotes #sunsetsremind #yqhindi Your host