White कितनहुं जस को बस करे, सब-कुछ हो बेकार। मालिक अब जो भी करे, सब मुझको स्वीकार।। करनी अपने हाथ है , करनी भरनी होय। करनी से प्रारब्ध है, जस करनी तस होय।। बिया लगाया समय पर, हुई फसल तैयार। बरसे पहले काटिए, सफल सजग तैयार।। बुरा कहें किसको यहां, बुरा न जग में कोय। समय खिलाता खेल जस, बुरा भला तस होय।। जनम मिला सुख-दुख मिले, मिले मतलबी लोग। ख़ुशबू बन जीवन जिया, मसल - कुसुम संयोग।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_quotes समय खिलाता खेल जो.....