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मृत्यु का सब से श्रेष्ठ स्वरूप यही है कि वह उच्च आ

मृत्यु का सब से श्रेष्ठ स्वरूप यही है कि वह उच्च आदर्श की रक्षा करते हुए, कर्तव्य पालन की वेदी पर किसी मनुष्य को प्राप्त हो। ऐसी मृत्यु हमारे लिये सबसे अधिक आनन्द और प्रसन्नता का वरदान बनेगी। मृत्यु
मृत्यु का सब से श्रेष्ठ स्वरूप यही है कि वह उच्च आदर्श की रक्षा करते हुए, कर्तव्य पालन की वेदी पर किसी मनुष्य को प्राप्त हो। ऐसी मृत्यु हमारे लिये सबसे अधिक आनन्द और प्रसन्नता का वरदान बनेगी। मृत्यु
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