कागज़ के पन्नो का जब दौर था तो यादें सालों तक महफ़ूज़ रहा करती थी और दौर आज देखो के -- यादें संजोने के लिए तो कोई तिजोरी नही है ओर मिटाने के लिए सिर्फ उंगलियां काफी है। ©M. Acharya #love letter