मुस्किल है कि तुम्हें पाऊँ नामुमकिन है कि भुल जाऊँ... भंबर में फसा हु इधर जाऊँ कि उधर जाऊँ... कश्ती की पतवार तुम्हारी हाथ है ये तुम तय कर दो की मैं पार जाऊं की डूब जाऊं ©Kuldeep Shrivastava #मुस्किल