तेरे मेरे प्यार के किस्से अक्सर लोगों से सुनता हूं, बस कमी यही है उनमें तुझको नहीं अब बुनता हूं, कई साल बीत गए हैं, मगर आज भी तेरी आवाज़ इन कानों में सुनता हूं।। devbrat#107