तेरी मुस्कुराती तस्वीर बार बार मुझे चिढ़ा रही है, तेरे गहरे दर्द भरे ज़ख्मों को हवा दे रही है, दूर होकर के भी तेरे अरमानों की अर्थी उठा रही है, पास आ कर के तो शायद तेरी जान ही जा रही है। (अनुर्शीषक में पढ़ें) Inspired from my one of friend's smiling dp तेरी मुस्कुराती तस्वीर बार बार मुझे चिढ़ा रही है, तेरे गहरे दर्द भरे ज़ख्मों को हवा दे रही है, दूर होकर के भी तेरे अरमानों की अर्थी उठा रही है, पास आ कर के तो शायद तेरी जान ही जा रही है। वैसे तो ज़िन्दगी में दर्द कम नही हैं शायद,