अलीगढ़- 4,मेरा अलीगढ़, तुम्हारा अलीगढ़, हमारा अलीगढ़, अटल चौक की वो मीठी सी बातें, खेरेश्वर धाम की वो भक्ति की रातें, रातों का सरगम तो नुमाइश में देखा, GVM ही हरदम, लड़की की ख्वाहिश में देखा, हम दुश्मनों को धुनते यहाँ पर धड़ाधड़, अलीगढ़- 4,मेरा अलीगढ़, तुम्हारा अलीगढ़, हमारा अलीगढ़। UP81 की वो प्यारी सी भाषा, अतिथि का स्वागत ही हमारी है आशा, मामू-भांजा की वो छोटी दुकानें, गैरराजी की बातें हम बिल्कुल ना मानें, नीरज की कविता को दुनिया ने पूजा, ताले के क्षेत्र में हम सा नहीं कोई दूजा, राजा महेंद्र प्रताप का है ये प्यारा सा गढ़, अलीगढ़- 4,मेरा अलीगढ़, तुम्हारा अलीगढ़, हमारा अलीगढ़, ©पण्डित सुन्दरम दुबे #Poetry #Lines #kavita #Nojoto #poetry_by_sundram हमारा अलीगढ़ ❣️ #newplace