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तू रोज़ जीता है सारे जहां के लिए, कभी खुद के लिए भ

तू रोज़ जीता है सारे जहां के लिए, 
कभी खुद के लिए भी जी लिया कर ।।

के बताती है सारी दास्तान आंखें तिरी,  
कभी अपनी कहानी को जुबां से बयां कर ।।

छुपता नहीं दर्द चेहरे पर हँसी ओढ़ लेने से,
के दर्द पर विराम दे अब खुशी से आगे बढ़ कर।।।

है मरहम सबका इस जहां में वो खुदा, 
दो पल के लिए ही सही कभी उसे भी याद कर ।।

ज़िंदा है वो बुत भी जो कभी इंसान थे, 
अब हो जा कटु जुबां से, हृदय को अपने पत्थर कर ।।। 

के हासिल करना है कोई मुकाम क्षण भंगुर जीवन मे, 
तो भूल अपने भूत(past) को, फ़ख्त सचाई को आइना मान कर ।।।©™™™™™™™
#vinay #रुद्राक्ष मेरा मरहम तू ही मेरा खुदा, तुझ बिन मेरा क्या है सदा ।।।
तू रोज़ जीता है सारे जहां के लिए, 
कभी खुद के लिए भी जी लिया कर ।।

के बताती है सारी दास्तान आंखें तिरी,  
कभी अपनी कहानी को जुबां से बयां कर ।।

छुपता नहीं दर्द चेहरे पर हँसी ओढ़ लेने से,
के दर्द पर विराम दे अब खुशी से आगे बढ़ कर।।।

है मरहम सबका इस जहां में वो खुदा, 
दो पल के लिए ही सही कभी उसे भी याद कर ।।

ज़िंदा है वो बुत भी जो कभी इंसान थे, 
अब हो जा कटु जुबां से, हृदय को अपने पत्थर कर ।।। 

के हासिल करना है कोई मुकाम क्षण भंगुर जीवन मे, 
तो भूल अपने भूत(past) को, फ़ख्त सचाई को आइना मान कर ।।।©™™™™™™™
#vinay #रुद्राक्ष मेरा मरहम तू ही मेरा खुदा, तुझ बिन मेरा क्या है सदा ।।।