#OpenPoetry बागी उड़ान ने मेरी उस आसमान को भी शर्मिंदा किया है। इस सफ़र ने मुझे कभी मुसाफिर तो कभी परिंदा किया है। कुछ ख्वाब मुक्कमल हुए और कुछ आधे,अधूरे ही रह गए, कुछ ने आत्मविश्वास दिया,कुछ ने खुद ही को निंदा किया है। यू तो मै कई दफा मारा गया हू, इस एक ही जिन्दगी में यहाँ, मगर मेरी इन ख्वाहिशों ने ही तो मुझे हर बार जिंदा किया है। हर शख्स की ही अपनी एक न एक कोई खासियत होती है, मुझे भी किसी हुनर ने ही, मुसाफिर भीड़ से चुनिंदा किया है। #Priy@nsh... ✍️ #OpenPoetry #nojotohindi #nojotonews #nojoto#kavishala #openpoetry#yqdidi #Priy@nsh #myquote #ग़ज़ल #ghazal