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गमों के तराने मैं लिखता गया, रातों के कागज पर कलम

गमों के तराने मैं लिखता गया,
रातों के कागज पर कलम से बिकता गया।
कत्ल तो मेरा ही हुआ था शायद,
ना जाने क्यों अपने आप को कातिलों सा दिखता गया।

© vinay tiwari # गमों के तराने # शायर के अफसाने

#5LinePoetry
गमों के तराने मैं लिखता गया,
रातों के कागज पर कलम से बिकता गया।
कत्ल तो मेरा ही हुआ था शायद,
ना जाने क्यों अपने आप को कातिलों सा दिखता गया।

© vinay tiwari # गमों के तराने # शायर के अफसाने

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vinaytiwari4391

vinay tiwari

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