इंसानियत नही रही अब वतन में, डूब गई गहरे गह्वर के पतन में, कब जी पाएगी???,कब सुकून की सांस ले पाएगी??, न जाने कब वो घड़ी आएगी??, शायद यह सोच अब ये सदियाँ गुजर जाएगी, कब एक देश की लाज बच पाएगी???? #रुह #लड़की #girl #hkkhindipoetry #हवस #निर्भया #इंसानियत #दरिंदगी