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कोई मेरे पैगाम को उस तक पहुंचा दे, इस मरी हुई लाश

कोई मेरे पैगाम को उस तक पहुंचा दे,
इस मरी हुई लाश में,फिर जान ला दे!
वो तो दूर चला गया मुझसे,
कोई मुझे ही उसके करीब पहुंचा दे!
अधेरी गलियों में रहता हैं आजकल वो,
ऐ"संत"उसकी गली में फिर से रोशनी ला दे!! मेरी कलम से
कोई मेरे पैगाम को उस तक पहुंचा दे,
इस मरी हुई लाश में,फिर जान ला दे!
वो तो दूर चला गया मुझसे,
कोई मुझे ही उसके करीब पहुंचा दे!
अधेरी गलियों में रहता हैं आजकल वो,
ऐ"संत"उसकी गली में फिर से रोशनी ला दे!! मेरी कलम से