यूहीं नहीं बन गए हम शायर जनाब! इसके लिए अश्क बहानी पड़ती हैं, झूठी मुस्कान दिखानीे पड़ती हैं। चाहत की रश्मे तोड़नीे पड़ती हैं, अपनों का साथ छोड़नीे पड़ती हैं। अनमोल सपनों को जलानी पड़ती हैं, शायरी को मरहम बनानी पड़ती हैं। रातों की नींद उड़ानी पड़ती हैं, दिन की शुकून भुलानी पड़ती हैं। कुछ यादों को दिल में बसाना पड़ता हैं, दर्द देने वालों को भी दिल से लगाना पड़ता हैं। इस तरह कलम और कागज़ से दिल लगाना पड़ता हैं, हर दर्द में इन्हें ही हमदर्द बनाना पड़ता हैं। हर दर्द को धुन और दिल तोड़ने वाले को राग बनाना पड़ता हैं, "समन" इस तरह खुदको दर्द देकर आजमाना पड़ता हैं। #yqdid #Saman_Asfia_hindi_poems #yqbhaijaan #shayar_shayri #shayr_ki_kahani #saman_asfia