प्रिय सुकून तुम्हारी मौजूदगी से सब मंगलमय है, आनंदमय है..! तुम्हारा आज पत्र मिला, सच कहूँ तो मुझे उम्मीद थी कि तुम्हारा जवाब आएगा पर यह भी हकीक़त है कि इसका यक़ीन नहीं था कि इतनी जल्दी आएगा..! तुम्हारी हैरानी जायज है, मैं वादा करता हूँ कि आगे से तुम्हें शिकायत नहीं होगी! तुम्हारी बात सुनकर मन प्रफुल्लित हुआ, तुम्हारी बात आगे बढ़ाते हुए मैं तुमसे कहना चाहूँगा कि जब कुमार की कलम तुम्हारी यादों की रोशनाई से तुम्हें पाती लिख रही थी, तब तुम ही रक्त बनकर मुझे मार्ग दिखा रहे थे..। मैं तुम्हारी यह बात भी मानता हूँ कि तुम्हें समझना थोड़ा कठिन है पर तुम जानते हो जब तक दिमाग के सारे घोड़े जीवन की सड़क पर ना दौड़ाएं, लुत्फ़ नहीं आता उसे पाने का..! प्रिय सुकून तुम्हारी मौजूदगी से सब मंगलमय है, आनंदमय है..! तुम्हारा आज पत्र मिला, सच कहूँ तो मुझे उम्मीद थी कि तुम्हारा जवाब आएगा पर यह भी हकीक़त है कि इसका यक़ीन नहीं था कि इतनी जल्दी आएगा..! तुम्हारी हैरानी जायज है, मैं वादा करता हूँ कि आगे से तुम्हें शिकायत नहीं होगी!