सो रहा था क्यों उठा तू जाग ज़ालिम कोरोना बन गया तू पल में भीषण आग ज़ालिम कोरोना। विश्व भर में बन के हाहाकार तू है छा गया दर्द ने दी आज सीमा त्याग ज़ालिम कोरोना। गांव से आए थे रोटी के लिए जो शहर में तेरे डर से अब रहे हैं भाग ज़ालिम कोरोना डर रहा हर शख़्स है भगवान जाने कब किसे डॅस ले तू बनकर भयंकर नाग ज़ालिम कोरोना। ©DILBAG J KHAN #कोरोना_को_हराना_है