ना मेरी कोई मंजिल है ना कोई किनखरा.. तन्हाई मेरी मेहफिल और यादें मेरा सहारा... तुमसे बिछड़ के कुछ यूं वकत गुजारा... कभी जिंदगी को तरसे... तो कभी मौत.को पुकारा... #NojotoQuote #vijay mathur##