मेरे लेख पे क्यों हँसते हो तुम, मुझसे अच्छा लिख सकते हो तो लिखो तुम। तुम्हारी तरह हर बार प्यार-मोहब्बत नहीं लिखते हैं हम, मेरे गाउँ जा के उन किसानों की हालत पहले देख आओ तुम। मुझसे अच्छा लिख सकते हो तो लिखो तुम।। अपनी अंग्रेजी झाड़ के यू न उन्हें शर्मिंदा करो तुम, वो तुमसे ज्यादा बदमास है बिना मतलब के मुहँ न लगो तूम। मुझसे अच्छा लिख सकते हो तो लिखो तुम।। बहुत जलते है दिन की तपती धूप में,तब जा के पहुंचते अनाज हैं तुमको। पैसो से उतना अमीर नही,दिल से तुम्हारी तरह गरीब भी नहीं। खामंखा शक करते हो उनपे तूम, उतना मेहनत कर सकते हो तो करो तुम। मुझसे अच्छा लिख सकते हो तो लिखो तुम।। यू न मेरे लेख पे हँसो तुम, मुझसे अच्छा लिख सकते हो तो लिखो तुम।। ©Vivek Das कुछ #किसान के लिए #vivekdas #suryavivek #Rose