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मैंने कब कहा कि मुझको अब समझ कर देख... फ़ुर्सत मिले

मैंने कब कहा कि मुझको अब समझ कर देख...
फ़ुर्सत मिले दुनिया से तब समझ कर देख...

तू है अगर हवा तो मुझे परिन्दा मान ले...
तू है अगर दरिया तो मेरी तलब समझ कर देख।

तू है अगर तू ही है मेरी नज़र में बस...
मेरी सारी ख़ामोशी का सबब समझ कर देख...

मैं कहता हूं इश्क़ ही हो जायेगा मुझसे...
तू मेरी किसी ग़ज़ल का मतलब समझ कर देख।

है आरजू अगर आरजू को आरजू ही रख...
तन्हाइयों में जीने का अदब समझ कर देख..

©Maneesh Sheol
  #boat #love #firstpost