मैंने तुझसे मोहब्बत कर ली है अंजाम नहीं है मुझको पता मैंने तुझको दिल में बसा लिया तो इसमें मेरी क्या है खता अब चाहे सूली चढ़ा दो चाहे दीवारों में चुनवा दो चाहे पत्थर मार के मरवा दो चाहे सर को कलम करवा दो हर सांस आखिरी दम तक हो पूछेगी तेरे घर का पता चाहे कर ले जमाना कितने सितम प्यार ना झुक पाएगा हम चाहे जमाने से मिट जाए प्यार ना नेट पाएगा प्यार के दुश्मन क्यों है दुनिया कोई तो मुझको दे यह बता ©Ved Prakash क्या है मेरी खता क्या है मेरी खता #adishakti