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हमें जीने दो हमें जीना है मत खेलो इस कुदरत से हम

हमें जीने दो हमें जीना है  
मत खेलो इस कुदरत से हमें जीना है 
अब इस दौर में हालात कुछ ऐसे हैं 
खुलकर सांस लेना भी दुश्वार हुआ है
 हमें जीने दो हमें जीना है 
 वह जंगल नहीं वह कितनों का बसेरा है 
वह जंगल नहीं वह कितनों का बसेरा है 
जान जाओ इस बात को तो हमें जीने दोx
 वह जिन का बसेरा है 
वह जिन का बसेरा है
 उनकी जबान नहीं है जनाब 
वह चिल्लाकर नहीं कह सकते कि मत उजाड़ा हमारा घर हमें जीने दो हमें जीना है 
हमें जीने दो हमें जीना है 
इंसानों जयसि अकल नही बेजुबान जानवरों में 
 जिन जंगलों को तुम तबाह कर रहे हो 
अरे कुछ तो शर्म करो तरक्की के नाम पर तुम कितनों का घर उजाड़ रहे हो 
हमें जीने दो हमें जीना है 
कहते हो आज बारिश बहुत हुई तूफान और सलाद भी आए कितने जाने गई अरे जनाब इंसानों की जान की कीमत तो अनमोल है लेकिन उन बेजुबान कुदरती जानवरों का सोचो जिन्हें हम जीने का हक भी नहीं देते

 भगा देते हैं एक कुत्ते को दरवाजे से जो भूख की तलब में यहां-वहां भटकता है 

वह दर पर जाकर यही कहता है 
हमें जीने दो हमें जीना है 
अल्फाज कम होते हैं उन बेजुबानओके लिए जिनका घर तुम उजाड़ रहे हो 

अरे शर्म करो तुम तरक्की के नाम पर उन्हें बेघर कर रहे हो

#Save #Forest #Save #Aary

                                                 @zहरuddण खaن save Aary forest
हमें जीने दो हमें जीना है  
मत खेलो इस कुदरत से हमें जीना है 
अब इस दौर में हालात कुछ ऐसे हैं 
खुलकर सांस लेना भी दुश्वार हुआ है
 हमें जीने दो हमें जीना है 
 वह जंगल नहीं वह कितनों का बसेरा है 
वह जंगल नहीं वह कितनों का बसेरा है 
जान जाओ इस बात को तो हमें जीने दोx
 वह जिन का बसेरा है 
वह जिन का बसेरा है
 उनकी जबान नहीं है जनाब 
वह चिल्लाकर नहीं कह सकते कि मत उजाड़ा हमारा घर हमें जीने दो हमें जीना है 
हमें जीने दो हमें जीना है 
इंसानों जयसि अकल नही बेजुबान जानवरों में 
 जिन जंगलों को तुम तबाह कर रहे हो 
अरे कुछ तो शर्म करो तरक्की के नाम पर तुम कितनों का घर उजाड़ रहे हो 
हमें जीने दो हमें जीना है 
कहते हो आज बारिश बहुत हुई तूफान और सलाद भी आए कितने जाने गई अरे जनाब इंसानों की जान की कीमत तो अनमोल है लेकिन उन बेजुबान कुदरती जानवरों का सोचो जिन्हें हम जीने का हक भी नहीं देते

 भगा देते हैं एक कुत्ते को दरवाजे से जो भूख की तलब में यहां-वहां भटकता है 

वह दर पर जाकर यही कहता है 
हमें जीने दो हमें जीना है 
अल्फाज कम होते हैं उन बेजुबानओके लिए जिनका घर तुम उजाड़ रहे हो 

अरे शर्म करो तुम तरक्की के नाम पर उन्हें बेघर कर रहे हो

#Save #Forest #Save #Aary

                                                 @zहरuddण खaن save Aary forest