पानी केरा बुदबुदा-अस मानुस की जात। एक दिना छिप जाएगा-ज्यों तारा परभात। कबीर दास जी का कथन है कि पानी के बुलबुले की ही तरह , इसी प्रकार मनुष्य का शरीर क्षणभंगुर है,जैसे प्रभात होते ही तारे छिप जाते हैं, वैसे ही ये देह भी एक दिन नष्ट हो जाएगी। 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' मनुष्य का शरीर क्षणभंगुर