आंखें भर आती है जब तुझको याद करते हैं, सोचते हैं कि हमेशा ही तेरी बात करते हैं, तुमने जो मेरी मोहब्बत को कभी समझा ही नहीं, क्या कमी रह गई थी, सोचते रहते हैं अब बस यही, अब यही खयालात दिल में उतारते रहते हैं, कि कभी तो तुम हमें याद करोगे, सोच हमारी बात करोगे, ना आऊंगा तुम्हारी याद मैं कभी, कहते हैं यही मेरे यार दोस्त सभी, लेकिन यकीन है मुझे, कि एक दिन तुम अपनी बेवफाई पर जरूर पछताओगे, सभी को यही बतलाओगे, आशिक मेरा, मेरा कितना ख्याल करता था, काई दफा मेरी बातो पे, मेरी अदाओ पे मरता था, बस अब यादो मे ही रह जाऊंगा मैं तुम्हारी, दुआ करता हूं, कभी ना मिले राहें हमारी। ©Jay Gupta ईश्क़-ए-गम्, प्यार मैं हम